जयपुर : कारगर नहीं फिर भी लगाए जा रहे हर तीसरे संक्रमित को रेमडेसिविर इंजेक्शन!
By: Ankur Wed, 09 Dec 2020 12:45:23
कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ हैं और सभी को इसकी वैक्सीन का इंतजार हैं। इसके इलाज को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। खासतौर से गंभीर संक्रमित में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि यह कारगर हैं है या नहीं। कोरोना संक्रमितों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने चाहिए या नहीं? क्या यह वाकई मरीजों की जान बचाने में कारगर है? इसके साइट इफेक्ट्स हैं क्या, हैं तो कितने खतरनाक? ये ऐेसे सवाल हैं जो आम जनमानस के साथ चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गजों के बीच बड़ी बहस बने हुए हैं। अब तो जो जवाब इन बहस से निकले हैं, उनके मुताबिक- रेमडेसिविर इंंजेक्शन लगाने का वास्तव में कोई फायदा ही नहीं है। जल्दी रिकवरी के लिए यह इंजेक्शन कारगर है, लेकिन साइड इफेक्ट्स ज्यादा हैं।
कोरोना संक्रमितों को भले ही रेमडेसिविर लगाए जा रहे हों, लेकिन डॉक्टर्स खुद कह रहे हैं- जान बचाने के लिए यह इंजेक्शन बिल्कुल असरकारक नहीं है। यदि ऐसा होता तो अमेरिका और यूरोप में इतनी अधिक जानें नहीं जातीं। रेमडेसिविर लगाया जाना चाहिए या नहीं? इस पर ना तो डॉक्टर एकमत हैं और ना ही नेशनल लेवल पर गाइडलाइन बनी है।
डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर ने भी 11,000 लोगों पर ट्रायल के बाद कहा- रेमडेसिविर लगाने का फायदा नहीं है। इसके साइड इफेक्ट्स काफी अधिक हैं। ट्रायल के बाद स्पष्ट यह भी कि हुआ किसी भी गंभीर मरीज को बचाया नहीं जा सका लेकिन जो लोग 15 दिन में रिकवर हो रहे थे, वे 10 दिन तक में हो गए। यह इंजेक्शन जल्द रिकवरी के लिए ही लगाया जा रहा है। चौंकाने वाली बात है कि सबसे अधिक इंजेक्शन जयपुर में लगे और मौतों का आंकड़ा भी यहीं अधिक है। हालांकि विभाग और सरकार जयपुर में अधिक मरीज होने की बात कहते हैं।
रेमडेसिविर के लिए गाइडलाइन नहीं, डॉक्टर अपने स्तर पर दे रहे इंजेक्शन
अभी प्रदेश में डॉक्टर अपने स्तर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा रहे हैं। राजस्थान में लगभग हर तीसरे पॉजिटिव को यह इंजेक्शन लगाया जा रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड पेशेंट के लगाने के साथ ही नॉन कोविड मरीजों के भी लगाया जा रहा है। डॉक्टर कहते हैं- कई सीनियर डॉक्टरों ने उन्हें इसका अच्छा रेस्पांस बताया, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।
एचआर सीटी स्कोर देखकर ही यह इंजेक्शन लगा रहे हैं। रेमडेसिविर के बारे में इतनी अनिश्चितताएं हैं कि डब्ल्यूएचएओ ने भी कहा है कि इसका ट्रायल जारी रखा जाए। यानी जो कॉम्बिनेशन हैं, उनमें कुछ ना कुछ बदलाव किए जा रहे हैं और लगातार ट्रायल जारी हैं। आगामी ट्रायल के बाद ही कुछ तय हो पाएगा और फिर कह पाने की स्थिति होगी।
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